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.1.....-अपने आप को इतना बेहतर बनाओ | की जहां आप जाओ वहां पर लोग बैठे ना रहे आपके सम्मान में खड़े हो । मनुष्य की असली पहचान | उसके दिखावे से नही उसकी सोच से होती है
.2....-जिंदगी खेलती भी उसी के साथ है, जो खिलाड़ी बेहतरीन होता है, दर्द सबके एक से है, मगर हौंसले सबके अलग अलग है, कोई हताश हो के बिखर जाता है, तो कोई संघर्ष करके निखर जाता।
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